Friday, September 24, 2021

सपने

हम उस मोड़ पर गए भी नहीं 

और आगे निकल गए ...

ऐ ज़िंदगी तूने रुकने ना दिया, 

पीछे कितने सपने सुहाने निकल गए ...

🤔🤔

कोरोना से लड़ने की आशा

बात इतनी सी नहीं है जो 

यहीं ख़त्म हो जाएगी,

लड़ाई लम्बी है 

और दूर तक जाएगी 


मिटने लगी हैं वो सारी रेखाएँ

उन उपलब्धियों की,

जो खींची थी हमने

कई सदियों में 


गिरने लगी यूँ शानो शौक़त की दीवारें

इक छोटे से ही धक्के से,


सिमटी हुई हैं ज़िंदगी

यूँ कुछ दिवारों में,

झांकती हैं बाहर 

आशाओं के झरोखों से


ये आहट ही थी उन कदमों की 

जो आगे बढ़े हैं,

समेटने इस दुनिया को


इन कदमों से 

लड़ेंगे 

रोकेंगे

और जीतेंगे हम 

जो होंगे साथ दूर दूर होके ...

ये जिंदगी ही तो है

कहीं तो रुकेगा जो शुरू हुआ है,

ये कारवाँ ही तो है।

लम्बी हो या छोटी पूरी तो होगी,

ये दूरी ही तो है... 


रुकी नहीं है,

बस थोड़ी थमी है।

आगे फिर भी बढ़ेगी,

ये ज़िंदगी ही तो है...

Tuesday, September 8, 2020

अंतर्द्वंद

शांत हूँ 

चौराहे पे खड़ा 


किस ओर चलूँ का अंतर्द्वंद

या आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति

या फिर दोनो


प्रश्न हैं और कई प्रश्न हैं 

उत्तर हैं कुछ, कुछ निरुत्तर हैं 

Friday, January 2, 2015

जिंदगी जीने की जद्दोजहद...

जिंदगी जीने की जद्दोजहद में हमने जीना सीखा ...
खड़े हुयें पैरों पे जब अपने हमने चलना सीखा ।
आगे बढ़ने की अपनी जिद्द पे ,
जो मिला ना आसमान तो हमने पैरों को जमीन पे रखना सीखा ।
हमने जानी अहमियत कुछ रिश्तों की जाने के बाद ,
और कुछ रिश्तों के साथ हमने जीना सीखा ।
हर कतरे को जोड़ा जो यूँ बिखरे थे यहां वहां ,
और बनाया यूँ आसियान अपना ...

Tuesday, February 11, 2014

मेरी जमीन...

फिर जमीन से जुड़ना चाहता हूँ
टूटी हुयी जड़ों को फिर से जोड़ना चाहता हूँ।
उड़ने की हसरत पूरी हुयी अब,
आसियान अब जमीन पर ही रखना चाहता हूँ।
चाही अनचाही ख्वाहिशें पूरी हुईं अब,
बिन ख्वाहिशों के जीना चाहता हूँ अब।
मिलता रहा और मिल के खोता रहा भीड़ में अब तक,
खुद से मिलना चाहता हूँ अब।
आसमान कुछ यूँ रास आया अब तक,
चाह के भी खुद के पास ना आया अब तक।
                 To be continued ...

Monday, January 27, 2014

शांत रातें...

दिल चाहता है कहीं खो जाऊं।
इन अँधेरी शांत रातों में सो जाऊं।
डूबती साँसों पर रखकर ख़्वाब सारे।
उस चिर शून्य में विलीन हो जाऊं।
इन परछाइयों से तोड़ कर रिश्ते सारे।
इन अँधेरी शांत गहराइयों में गुम हो जाऊं।
दिल चाहता है कहीं खो जाऊं।
       To be continued ...