Tuesday, January 14, 2014

अस्तित्व...


अपने अस्तित्व से लड़ता मैं .
हां मैने स्वीकार किया कि मैं हूं .
खुद को करता सन्तुष्ट जीवन की इन अनसुलझी पहेलियों से .
हांथों से समेटने को बेचैन इन असीमित परछांइयों को .
To be continued ...



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